यकता – 001
काव्य साहित्य | कविता - क्षणिका यकता1 Nov 2022 (अंक: 216, प्रथम, 2022 में प्रकाशित)
कभी जाकर देखना तुम्हारे आशिकों के गलियारे में।
अब हम तो नहीं . . .
पर हमारे अफ़साने हर चौराहे पर मिलेंगे तुम्हें॥
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