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संजय माथुर


जन्म: लखनऊ, उत्तर प्रदेश में 
शिक्षा: परास्नातक, पत्रकारिता व् जनसंचार में डिप्लोमा 
कार्यक्षेत्र: देश में घूम-घूम कर भिन्न-भिन्न विषयों पर लघु फ़िल्म/डाक्यूमेंट्री बनाना ही जीवन यापन का आधार रहा। समेंकित विकास, शहरीकरण, पंचायतीराज, शासन विधि, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, जल, पर्यावरण, आदिवासी, महिला सशक्तिकरण, जीविका, कुपोषण, देश के कामगार, भूमंडलीकरण, पलायन, कचरा प्रबंधन जैसे विभिन्न विषयों पर 200 से अधिक लघु फ़िल्म/डाक्यूमेंट्री बनायी। इस दौरान इन विषयों को गहराई से जानने का और देश के भिन्न-भिन्न इलाक़ों को नज़दीक से देखने का अवसर मिला। कहीं चारों ओर फैली विसंगतियों से आमना-सामना हआ तो कहीं प्रेरणा के अनगिनत मानवीय उदाहरणों से। इन सबने प्रेरित किया लिखे शब्दों के सम्प्रेषण द्वारा कुछ कहने का, कुछ अनदेखे को सामने लाने का और कुछ तजुर्बों को साझा करने कां। 
कुछ वर्ष अमेंरिका में भी प्रवास रहा। ग्रीनकार्ड भी प्राप्त किया। मगर फिर भारत में ही रहने का फ़ैसला किया। अब लखनऊ में निवास। लेखन का सिलसिला सतत जारी। 
लेखन: भारतीय पत्रिकाओं में कुछ व्यंग्य प्रकाशित, वैदिक अख़बार में वेदों के एक अनुवादक का साक्षात्कार प्रकाशित, 200 से अधिक लघु, विज्ञापन, टेली फ़िल्म, धारावाहिकों व रेडियो जिगंल का स्क्रिप्ट लेखन, स्वदेशी विज्ञान पत्रिका में कृषि के परंपरागत ज्ञान पर आलेख आदि। 

लेखक की कृतियाँ

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