आधी नींद में
काव्य साहित्य | कविता दीपक पाटीदार17 Dec 2015
बाहर हर तरफ शोर है
मैं भीतर सोया हूँ
कुछ धुँधले से सपने देख रहा हूँ
और मुझे बाहर का शोर भी
सुनाई दे रहा है
नींद इस बात को लेकर
भरम में है कि
मैं जाग रहा हूँ
या फिर सो रहा हूँ।
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