फ़ैशन और स्त्री
काव्य साहित्य | कविता चुम्मन प्रसाद15 Nov 2019
आज इस फ़ैशन के दौर में
कब लड़कियाँ बन जाती हैं
कॉस्मेटिक की दुकान,
गँवा के अपनी
सहज-सुलभ नारीत्व का
सदियों पुराना घर,
पता ही नहीं चलता।
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