हनुमान के बिना
काव्य साहित्य | कविता चुम्मन प्रसाद1 Oct 2019
दुनिया चले ना श्रीराम के बिना
रामजी चले ना हनुमान के बिना –
किसी सिद्ध भक्त की वाणी है
और भक्त की वाणी कभी,
अन्यथा हो नहीं सकती ।
आज भी हर जगह, हरेक क्षेत्र में
हनुमान की आवश्यकता होती है
चढ़ाना पड़ता है उनको चढ़ावा,
वरना,
सिंहासन पर विराजे प्रभु श्रीराम तक
हम पहुँच नहीं सकते;
क्योंकि
दुनिया चले ना श्रीराम के बिना
रामजी चले ना हनुमान के बिना।
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