जंगल का सागौन
काव्य साहित्य | कविता संजीव बख्शी9 Apr 2012
दिखाए जाते हैं
सर्कस में जंगल के शेर।
आज बहुत कुछ उनके बारे
बताया जाता है
कल सागौन, शीशम दिखाए जाएँगे
साथ में रखी जाएगी वह मिट्टी, बताया जाएगा
सागौन, शीशम उगा करते थे
इसी मिट्टी में
देखने की लगेगी टिकट
बच्चे पास जाकर छुएँगे, देखेंगे
कहेंगे पापा-पापा
जंगल का सागैान
जंगल का शीशम
हमने छू लिया
हम डरे नहीं।
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