लाचार भगवान
काव्य साहित्य | कविता ई. भारत रत्न गौड़16 Aug 2008
गांधी ने इस देश को आज़ाद कराया
सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया
गांधी टोपी ने नसीहत को यादगार बनाया
मुन्ना भाई ने भी गांधीगिरी का पाठ दोहराया
गांधी को अपनी पीढ़ी का आभास नहीं था
सत्य, अहिंसा को पाठ्यक्रम से हटा दिया
अहिंसा का ’अ‘ हटा सत्य पे लगा दिया
देश को असत्य, हिंसा की राह पे चला दिया
नसीहत की गांधी टोपी को भी उतार दिया
अब तक था इंसान भगवान भरोसे
अच्छा हो जाए तो भगवान का दिया
बुरा हो जाए तो भगवान की रज़ा
अब इस देश में भगवान भी लाचार नज़र आया
छा रहा उसके दर पे आतंक और मौत का साया
उसके भी मुकुट, छत्र और वस्त्र चोरी हो रहे
न्यायालय के हाकिम भी अब तो यह कह रहे
भगवान भी अब तो देश की मदद कर नहीं सकता
उसके भरोसे न रहे इस देश की जनता
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