नरम ख़ामोशी
काव्य साहित्य | कविता प्रो. पुष्पिता अवस्थी8 Mar 2009
प्रेम
अनुभूतियों का अन्वेषक है
प्रेम
अपने जीवन में
रचाता है - नया जीवन
खोजता है -
स्नेह-सृजन के नूतन स्रोत
प्रेमानुभूति का तरल-पथ
अभिव्यक्ति की नरम ख़ामोशी
अनुभूति का मौनान्द
अनकहा -
पर भीतर-ही-भीतर
सबकुछ कहता हुआ
जिसे पहली बार सुनती है - आत्मा
और समझ पाती है -
प्रेम-सुख का अर्थ
जो
देह से उपजता है
देह से परे जाकर।
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