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आज मिलन की आस

विरह-आग से, दुर्भाग्य से,
हृदय-मरुभूमि में,
हलक-रेत में,
ग़ज़ब की प्रीति-प्यास,
आज मिलन की आस...!
                        हाथ जोड़ूँ, पाँव पकड़ूँ
                        हृदयेश श्याम - 
                        मथुरा-गमन की
                        ज़िद छोड़ दें,
                        राधा-निलय,
                        ब्रजधाम का रुख कर,
                        रथ मोड़ दें।
मुँडेर पर एक कागा -
तेरा संदेश दे -
बोल गया, 
आ प्रिये...
गीत रंग का गा प्रिये,
रीति रंग का निभा प्रिये...
             मुख्य द्वार पर;
             टकटकी लगाए नैन...
             बाट जोहूँ... राह देखूँ
             अवरुद्ध कर श्वास,
             श्याम......
             तोड़ मत विश्वास,
             आज मिलन की आस,
             आज...मिलन... की... आस!!

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