आपकी आदतों में हँसी चाहिए
शायरी | ग़ज़ल अभिषेक श्रीवास्तव ‘शिवा’15 Aug 2024 (अंक: 259, द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)
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आपकी आदतों में हँसी चाहिए
जी सकें हम जिसे ज़िन्दगी चाहिए
काम कोई बने या नहीं भी मगर
आज सबको यहाँ अफ़सरी चाहिए
रोज़ पेपर सभी लीक होते रहें
और सबको यहाँ ख़ामुशी चाहिए
सूख सी है गई आँख मेरी यहाँ
आँख में अब मुझे कुछ नमी चाहिए
सिर्फ़ दौलत ‘शिवा’ काम आती नहीं
साथ रखनी तुझे दोस्ती चाहिए
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