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आपकी  आदतों  में   हँसी चाहिए


 
212        212        212        212
 
आपकी  आदतों  में   हँसी चाहिए
जी सकें हम जिसे ज़िन्दगी चाहिए
 
काम कोई  बने  या  नहीं भी मगर
आज सबको यहाँ अफ़सरी चाहिए
 
रोज़  पेपर  सभी  लीक  होते  रहें
और सबको  यहाँ  ख़ामुशी चाहिए
 
सूख  सी  है  गई आँख  मेरी  यहाँ
आँख में अब मुझे कुछ नमी चाहिए
 
सिर्फ़ दौलत ‘शिवा’ काम आती नहीं
साथ  रखनी  तुझे  दोस्ती  चाहिए

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