डाऊनिंग स्ट्रीट के दस नम्बरी ने....
काव्य साहित्य | कविता तेजेन्द्र शर्मा3 May 2012
डाऊनिंग स्ट्रीट के दस नम्बरी ने
दिया नया इक नारा है
इराक़ में बहता तेल है जितना
वो तो सभी हमारा है।
घंटे भर में दुनियाँ ध्वस्त हो सकती है
जनसंहार के हथियारों का क्या होगा?
झूठ पे झूठ यहाँ पर बोले जाते हैं
सच्चाई से दूर कर लिया किनारा है,
डाऊनिंग स्ट्रीट के दस नम्बरी ने...
तानाशाही को नहीं बख़्शा जाएगा
इंक़लाब इक वहाँ अनोखा आएगा
उनके हथियारों का करना है नाश हमें
अपने हथियारों का वारा ही वारा है
डाऊनिंग स्ट्रीट के दस नम्बरी ने...
आक़ा के आगे दुम हिलाता है
उसके इशारे पे झाड़ी में घुस जाता है
संसद और जनता को करता गुमराह है
नादानियाँ करता देखो बेचारा है
डाऊनिंग स्ट्रीट के दस नम्बरी ने...
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