एक दिन
काव्य साहित्य | कविता निरंजन कंवर15 Mar 2022 (अंक: 201, द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)
एक दिन सम्मान,
बधाई संदेश महिला दिवस पर।
एक दिन की शुभकामनाएँ,
बेटी दिवस की।
कुछ दिन के उपक्रम,
कन्या पूजन के।
बाक़ी दिनों में कहाँ सम्मान,
सोचती यही आज की नारी।
कुछ दिनों अख़बारों की सुर्ख़ियाँ,
जब नारी पर हो अत्याचार ।
पर बाद में कोई सुध नहीं लेता,
न कोई ठोस क़दम सरकार के
और न ही क़ानून की सख़्त कार्यवाही।
कब तक चलेंगे,
ये झूठे उपक्रम सम्मान के?
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