गर्मी
काव्य साहित्य | कविता उदय राज वर्मा 'उदय'15 May 2022 (अंक: 205, द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)
बेवफ़ाई की चाँद ने
चाँद को तो कुछ कह नहीं पाए
लेकिन मोहब्बत इतनी थी
उसे भूला भी न पाए
राहें तुम्हारी इंदु ने बदली
और गर्मी हमें दिखा रहे हैं
अब समझो, बुज़ुर्ग हो सूरज बाबा
अच्छा नहीं, इश्क़ में जो जलते रहे हैं
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