कैसी है ज़िन्दगी
काव्य साहित्य | कविता पल्लवी श्रीवास्तव15 Feb 2024 (अंक: 247, द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)
कैसी है ज़िन्दगी
जब हम ख़ुश हैं,
तब बहुत प्यारी है ज़िन्दगी।
जब हम उदास रहें,
तब दुःख भरी है ज़िन्दगी।
जब कुछ अच्छा लगे,
तब रंगीन है ज़िन्दगी।
जब मन सोच में डूबा रहे,
तब बहुत गहरी है ज़िन्दगी।
जब कठिनाइयाँ सामने आएँ
तब मुश्किल भरी है ज़िन्दगी।
जब सपने साकार हो जाएँ
तब सार्थक है ज़िन्दगी।
जब दिल टूट जाएँ,
तब ग़मों से घिरी है ज़िन्दगी
अपनों के लिए कुछ
कर गुज़रने की चाहत है ज़िन्दगी।
सच पूछो तो परिस्थिति के साँचे में
ख़ुद को ढालना है ज़िन्दगी।
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