मिस टीचर
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता सौरभ कुमार15 Aug 2021 (अंक: 187, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
मिस टीचर मिस टीचर
मुझे आपकी है फिकर
सुबह-सवेरे उठती है
स्वादिष्ट भोजन पकाती है
स्कूल को तैयार होती है
बच्चों का होमवर्क लेती है
फिर भी मुस्कराती है
आपके चश्मा है गोल
बच्चों को समझती ढोल
बाल प्रभात सुनाती है
कहानी बनाने देती है
कभी नहीं थकती है
बच्चों को बेचैन करती है
मुझे फिकर होती है ।
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