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नव समय का संवाद

 

जीवन की राह पर 
बीते क्षणों के समवेत 
प्रेम की अनमोल रचनाएँ 
हृदय में सजल हैं 
प्रेम विचरता है, 
अतीत के धुँधलकों में, 
और भविष्य के सुनहरे आलोक में भी। 
 
और नव वर्ष
शीतल प्रभात समान, 
जिसमें मंद समीर
पुरानी पीड़ाओं को 
स्नेह से सहलाते हैं 
और नवीन लहरें 
हमारे अन्तःकरण में 
अंकुरित करती हैं 
नव संकल्पों के बीज। 

और हम
एक नई दिशा की ओर बढ़ते हुए, 
ख़ुद को फिर से गढ़ते हैं 
नई चुनौतियों का स्वागत करते हुए, 
अतीत की जड़ों में
अपनी नींव तलाशते हैं। 

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