नए साल की शुभकामनाएँ
काव्य साहित्य | कविता देवमणि पांडेय3 May 2012
आँखों में अपनी हैं आशा की किरणें
चाहत के सुर धड़कनों में सजाएँ
इक दिन मिलेगी वो सपनों की दुनिया
जादू उमंगों का दिल में जगाएँ...
बादल में बिजली है, सूरज में आभा
हिम्मत हवाओं में सागर में लहरें
मुश्किल नहीं कुछ अगर ज़िद है मन में
चलतें रहें बस कहीं भी ना ठहरें
नज़रों में झिलमिल सितारे सजाकर
नई रोशनी से गगन जगमगाएँ...
हम कौन हैं! क्या है हसरत हमारी
लाज़िम है खु़द को भी पहचान लें हम
अगर हौसला है रगों में हमारी
तो मंज़िल पे पहुँचेंगे, ये जान लें हम
कड़ी धूप हो, पर न पीछे हटेंगें
ये एहसास हम रास्तों को दिलाएँ...
कलियों की मुस्कान, फूलों की रंगत
निगाहों में हों खू़बसूरत नज़ारे
चलो अपनी बाहों में आकाश भर लें
करें बंद मुट्ठी में ये चाँद-तारे
चेहरे पे सबके हो खुशियों की रौनक
जहां में मोहब्बत की खु़शबू लुटाएँ...
नए साल की हैं ये शुभकामनाएँ
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