नए वर्ष में प्रवेश करो
काव्य साहित्य | कविता प्रो. दिनेश गुप्ता ‘आनंदश्री’1 Jan 2023 (अंक: 220, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
मन के जालों को साफ़
पुरानी बातों को छोड़
सभी को माफ़ करके
नए साल में प्रवेश करो
जो हो चुका वह हो गया
अब जो होगा वह बेस्ट होगा
अपने विकारों को जीत कर
नए वर्ष में प्रवेश करो
सफलता कोई मंज़िल नहींं
असफलता कोई रुकावट नहींं
अपनी नई तक़दीर बनाने
नए वर्ष में प्रवेश करो . . .!
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
कविता
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं