प्रेम डगर
काव्य साहित्य | कविता कविता15 Mar 2020 (अंक: 152, द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)
मन चला
प्रेम नगर
पग उठे
होले होले...
डगमग -डगमग
होले होले...
अधर मुस्काए
होले होले...
पा, पी का संग
मन मलंग
सा मुस्काए
होले होले...
नैन नशीले
पीकर प्रेम
मदिरा
लड़खड़ाए
होले होले...
प्रेम डगर
बड़ी मतवाली
मदमस्त करे
जिया को
होले होले...
मन बंजारा
झूमे मगन
प्रेम रंग
रँगा तन - मन
मन चला
प्रेम नगर
पग उठे
डगमग-डगमग
होले होले...
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