सरदी के दिन
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता डॉ. प्रमोद सोनवानी 'पुष्प'1 Mar 2019
सुबह-सवेरे हवा चल रही,
कैसे करें पढ़ाई।
तनिक बताओ हमको दादा,
सरदी क्यों है आई॥1॥
शाल-दुशाले हम खरीदेंगे,
पर है कितनी महँगाई।
आ गये है सरदी के दिन,
कैसे करें पढ़ाई॥2॥
सरदी के दिन सचमुच लगते,
सबको है दुखदाई।
सुबह-सवेरे हम तो दादा,
कैसे करें पढ़ाई॥3॥
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