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तुम अंगीकार हो मैं अस्वीकार हूँ राम

तुम अंकुश हो मैं निरंकुश, 
तुम अंगीकार हो मैं अस्वीकार हूँ राम
तुम अंतर हो मैं बाह्य, 
तुम पूर्णतः हो मैं अंशतः हूँ राम 
 
तुम अकलुष हो मैं कलुष, 
तुम सुकाल है अकाल हूँ राम 
तुम अक्रूर हो मैं क्रूर, 
तुम अगला हो मैं पिछला हूँ राम 
 
तुम अग्रज हो मैं अनुज, 
तुम ग्राह्य हो मैं अग्राह्य हूँ राम 
तुम अग्रिम हो मैं अन्तिम
तुम अचल हो मैं चल हूँ राम 
 
तुम अच्छे हो मैं बुरा, 
तुम निर्जल हो मैं अजल हूँ राम 
तुम विज्ञ हो मैं अज्ञ, 
तुम अतल हो मैं वितल हूँ राम 
 
तुम अति हो मैं अल्प, 
तुम अतिवृष्टि हो मैं अनावृष्टि हूँ राम 
तुम तुकान्त हो मैं अतुकान्त, 
तुम अथ हो मैं इति हूँ राम
 
तुम देय हो मैं अदेय, 
तुम अदोष हो मैं सदोष हूँ राम 
तुम उत्तम हो मैं अधम, 
तुम सधर्म हो मैं अधम हूँ राम 
 
तुम अधिक हो मैं न्यून, 
तुम पुरातन हो मैं अधुनातन हूँ राम 
तुम अनंत हो मैं अंत, 
तुम भिग हो मैं अनभिज्ञ हूँ राम 
 
तुम अनागत हो मैं आगत, 
तुम अनातुर हो मैं आतुर हूँ राम 
तुम सनाथ हो मैं अनाथ, 
तुम आहुत हो मैं अनाहूत हूँ राम 
 
तुम नित्य हो मैं अनित्य, 
तुम इष्ट हो मैं अनिष्ट हूँ राम
तुम अनुकूल हो मैं प्रतिकूल, 
तुम विरक्त हो मैं अनुरक्त हूँ राम
 
तुम अनुरक्ति हो मैं विरक्ति, 
तुम अनुराग हो मैं विराग हूँ राम
तुम उर्तीण हो मैं अनुर्तीण, 
तुम अनुलोम हो मैं विलोम हूँ राम
 
तुम अनैतिहासिक हो मैं ऐतिहासिक, 
तुम अन्तरंग हो मैं बहिरंग हूँ राम
तुम प्रकाश हो मैं अन्धकार, 
तुम उपकार हो मैं अपकार हूँ राम
 
तुम उपचार हो मैं अपचार, 
तुम अपेक्षा हो मैं उपेक्षा हूँ राम
तुम उधार हो मैं नगद, 
तुम अपेक्षित हो मैं अनपेक्षित हूँ राम
 
तुम अभिज्ञ हो मैं अनभिज्ञ, 
तुम अभ्यस्त हो मैं अनभ्यस्त हूँ राम
तुम अमर हो मैं मर्त्य, 
तुम पूर्णिमा हो मैं अमावस्या हूँ राम
 
तुम अमृत हो मैं विष, 
तुम अरुचि हो मैं सुरुचि हूँ राम
तुम अर्थ हो मैं अनर्थ। 
तुम ग्रहण हो मैं अर्पण हूँ राम
 
तुम प्राचीन हो मैं अर्वाचीन, 
तुम अधिक हो मैं अल्प हूँ राम
तुम दीर्घकालीन हो मैं अल्पकालीन, 
तुम बहुज्ञ हो मैं अल्पज्ञ हूँ राम
 
तुम दीर्घायु हो मैं अल्पायु, 
तुम उन्नत हो मैं अवनत हूँ राम
तुम प्रवर हो मैं अवर, 
तुम आरोह हो मैं अवरोह हूँ राम
 
तुम अवलम्ब हो मैं निरालम्ब, 
तुम असली हो मैं नक़ली हूँ राम
तुम उदय हो मैं अस्त, 
तुम उदयाचल हो मैं अस्ताचल हूँ राम
 
तुम अस्पृश्य हो मैं स्पृश्य, 
तुम आकर्ष हो मैं विकर्ष हूँ राम
तुम आकर्षण हो मैं विकर्षण, 
तुम आगमन हो मैं गमन हूँ राम
 
तुम आगामी हो मैं गत, 
तुम आगामी हो मैं विगत हूँ राम
तुम आग्रह हो मैं दुराग्रह, 
तुम आचार हो मैं अनाचार हूँ राम
 
तुम आच्छादित हो मैं अनाछ्दित, 
तुम शांत हो मैं आतुर हूँ राम
तुम प्रदत्त हो मैं आदत्त, 
तुम आदर हो मैं अनादर हूँ राम
 
तुम आदर्श हो मैं यथार्थ, 
तुम आदान हो मैं प्रदान हूँ राम
तुम आदि हो मैं अंत, 
तुम आद्र हो मैं शुष्क हूँ राम
  
तुम आध्यात्मिक हो मैं भौतिक, 
तुम आय हो मैं व्यय हूँ राम
तुम आरम्भ हो मैं अंत, 
तुम स्फूर्ति हो मैं आलस्य हूँ राम
 
तुम आवृत हो मैं अनावृत, 
तुम आशा हो मैं निराशा हूँ राम
तुम आशीर्वाद हो मैं अभिशाप, 
तुम अनासक्त हो मैं आसक्त हूँ राम
 
तुम आस्था हो मैं अनास्था, 
तुम आहार हो मैं निराहार हूँ राम
तुम आहार हो मैं अनाहार, 
तुम आह्वान हो मैं विसर्जन हूँ राम
 
तुम इच्छा हो मैं अनिच्छा, 
तुम इहलोक हो मैं परलोक हूँ राम
तुम प्रेम हो मैं ईर्ष्या, 
तुम ईश्वर हो मैं अनीश्वर हूँ राम
 
तुम सौम्य हो मैं उग्र 
तुम उचित हो मैं अनुचित हूँ राम
तुम उत्कर्ष हो मैं अपकर्ष
तुम उत्कृष्ट हो मैं निकृष्ट हूँ राम

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