ज़िक्र (आदित्य तोमर)
काव्य साहित्य | कविता-मुक्तक आदित्य तोमर ’ए डी’1 Dec 2019 (अंक: 145, प्रथम, 2019 में प्रकाशित)
दीप जलते रहें, आस बढ़ती रहे,
साँझ के गीत पर, रात ढलती रहे ।
फिर से सवेरा हो जाएगा,
ज़िक्र हो तेरा... बात चलती रहे॥
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