अनजाने शिक्षक
काव्य साहित्य | कविता शुभि अग्रवाल1 Sep 2019
स्कूल कॉलेज के शिक्षक
क्या वे ही शिक्षक होते हैं?
जीवन के इस भँवर में
अनजाने शिक्षक भी होते हैं
हमको बोलना चलना सीखती
माँ भी शिक्षक होती हैं
समाज के तौर-तरीक़े सिखाते
पापा भी शिक्षक होते हैं
बा-बा बा-बा बोलो बेटा
दादा जी भी शिक्षक होते हैं
प्यार से बोलो मेरी गुड़िया
दादी भी शिक्षक होती हैं
मिल-जुलकर तुम खेलो बच्चो
बुआ भी शिक्षक होती हैं
जब समाज में लगे ठोकरें
तो भाई भी शिक्षक होता है
इज़्ज़त दो तुम हर लड़की को
बहन भी शिक्षक होती हैं
स्कूल कॉलेज के शिक्षक
क्या वे ही शिक्षक होते हैं?
जीवन के इस भँवर में
अनजाने शिक्षक भी होते हैं॥
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