स्वतंत्रता किससे?
काव्य साहित्य | कविता शुभि अग्रवाल1 Sep 2019
स्वतंत्रता
किससे
दहेज से
बलात्कारियों से
रीति रिवाज़ों
की बेड़ियों से
भ्रूण हत्या से
नारी की कुचली
हर इच्छा औऱ
सम्मान से
पितृ सत्ता
में जकड़ी
हर बेटी के
टूटे सपने से
गन्दी निगाहों से
पर फिर भी
घूँघट औऱ पल्लू
नारी जीवन से
सामाजिक कुरीतियों से
असामाजिक तत्वों से
स्वतंत्रता
किससे
भ्रष्टाचार से
आतंकवाद से
मिलावट से
महँगाई से
डॉक्टरों की
बढ़ती कमाई से
शिक्षा के
व्यापारीकरण से
गंगा माँ
के प्रदूषण से
आबोहवा में
घुलते ज़हर से
स्वतंत्रता
किससे
सिर्फ़ अँग्रेज़ों से॥
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