बच्चा सीख रहा
काव्य साहित्य | गीत-नवगीत डॉ. अवनीश सिंह चौहान1 Oct 2019
बच्चा सीख रहा
टीवी से
अच्छे होते हैं ये दाग़
टॉफ़ी, बिस्कुट, पर्क, बबलगम
खिला-खिला कर मारी भूख
माँ भी समझ नहीं पाती है
कहाँ हो रही भारी चूक
माँ का नेह
मनाए हठ को
लिए कौर में रोटी-साग
अच्छे होते हैं ये दाग़
बच्चा पहुँच गया कॉलेज में
नेता बना जमाई धाक
ट्यूशन, बाइक, मोबाइल के
नाम पढ़ाई पूरी ख़ाक
झूठ बोलकर
ऐंठ डैड से
खुलता बोतल का है काग
अच्छे होते हैं ये दाग़
हुआ फ़ेल जब, पैसा देकर
डिग्री पाई बी.टेक. पास
दौड़ लगाई रजधानी तक
इंटरव्यू ने किया निराश
बीच रेस में
बैठा घोड़ा
मुँह से निकल रहा है झाग
अच्छे होते हैं ये दाग़
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