बेरंग
काव्य साहित्य | कविता कामिनी कामायनी15 Oct 2016
ये क्या कर दिया तुमने
हर एक के अस्तित्व निखारने के लिए
सारे के सारे रंग को
एक दूसरे से अलग
निकालकर बर्बाद कर दी
उनकी इंद्रधनुषी सतरंगी दुनिया।
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सारे के सारे रंग को
एक दूसरे से अलग
निकालकर बर्बाद कर दी
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