मास्टर जी
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता धीरज श्रीवास्तव ’धीरज’1 Dec 2019 (अंक: 145, प्रथम, 2019 में प्रकाशित)
आओ बच्चों मास्टर आये
लेकर हाथ में डस्टर आये।
ए बी सी डी पढ़ना तुम
एक दो तीन गिनना तुम।
न करना तुम आनाकानी
बैठकर पढ़ना नहीं शैतानी।
देंगे वो तुमको लड्डू-पेड़े
नहीं पड़ेंगे तुमको डण्डे।
पढ़-लिखकर खेला करो
मीठे बोल बोला करो।
बन जाओगे सबके प्यारे
आसमान में जैसे तारे।
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