सच ज़िंदा रहेगा
काव्य साहित्य | कविता दिनेश शर्मा15 Jun 2021 (अंक: 183, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
सच है
नहीं जला रावण
होलिका भी नहीं जली
ज़िंदा हैं आज भी
प्रत्यक्ष नहीं परोक्ष सही
पर सकारात्मकता
ज़िंदा रहनी चाहिए
समय बदलेगा
हालात बदलेंगे
होगा दहन बुराई का
हुआ था अंत एक दिन
रावण और होलिका का
उनका अंहकार
क्यों और कैसे
अमर हो जाएगा
रावण मरा
होलिका जली
हिरण्यकश्यप भी नहीं रहा
अधीर न हों
आप सही हैं
सच्चे हैं
चिंतित न हों
आज नहीं तो कल
हालात बदलेंगे
अंहकार और अंहकारी
नहीं बचेंगे
सच ज़िंदा था
ज़िंदा है
ज़िंदा रहेगा।
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