कांगड़ा हिमाचल प्रदेश
संप्रति : भाषा अध्यापक, गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा।
लेखक की कृतियाँ
कविता
- अकेलापन
- आदत है अब
- आधुनिक मुखौटा
- ईश्वर की आवाज़
- एक पत्र ईश्वर के नाम
- काल
- काश (राजीव डोगरा ’विमल’)
- किसी ओर से
- कुछ तो हो
- कृष्ण अर्जुन
- क्या कहूँ
- क्षितिज
- जाने क्यों (राजीव डोगरा ’विमल’)
- दृढ़ता की दौड़
- नापाक दर्द
- नासूर
- पिंजरे में बंद मानव
- बताओ ज़रा
- बदलता हुआ वक़्त
- बदलाव
- बाक़ी है
- महाकाल
- महाकाल आदेश
- मृत्यु का अघोष
- मृत्यु का अट्टहास
- मैं शनि हूँ
- मैं समय हूँ
- याद रखना
- यादों के संग
- वजूद
- वहम
- हर बार
- हे! ईश्वर
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं