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सबसे बड़ा समाजसेवी 

 

एक समय की बात हैं एक गाँव में रघुवीर नाम का व्यक्ति रहता था। रघुवीर बड़ा नेक दिल और हर किसी के दुःख को अपना दुःख समझ कर उसकी मदद करने वाला व्यक्ति था। 

इस बार रघुवीर के गाँव में कुछ अधिक ही बारिश हुई जिससे गाँव में बाढ़ की स्थिति बन गई और बाढ़ के कारण गाँव के बहुत से घर तबाह हो गए। रघुवीर दिन रात सभी की सेवा करने में लगा रहता। रघुवीर कभी किसी के लिए घर से खाना बनाकर लेकर जाता तो कभी किसी बेघर को अपने घर में शरण देता। 

बरसात के बाद गाँव में एक कार्यक्रम रखा गया जिसमें बाढ़ के दिनों में समाज सेवा करने वाले लोगों को सम्मानित किया जाना था। कार्यक्रम में रघुवीर को भी बुलाया गया। रघुवीर बड़े चाव से अपने मित्र के साथ कार्यक्रम में पहुँचा। कार्यक्रम में गाँव के बड़े-बड़े प्रतिष्ठित व्यक्ति भी शामिल हुए। एक-एक करके सभी को सम्मानित किया गया और उन लोगों के सम्मान में भी बड़ी-बड़ी बातें की गईं जो बाढ़ के दिनों में गाँव तक में नहीं थे। कार्यक्रम के अंतिम चरण में सभी को शामिल होने के लिए धन्यवाद किया गया। 

रघुवीर मुँह ताकता ही रह या क्योंकि उसका नाम ही नहीं लिया गया। रघुवीर के साथ आये हुए मित्र ने रघुवीर की तरफ़ देखते हुए कहा, “रघुवीर भाई बुरा मत मानो कार्यक्रमों में सबसे बड़ा समाजसेवी वही माना जाता है जो सबसे अधिक धन देता है।”

रघुवीर निराश होकर घर लौट गया। 

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