वजह
काव्य साहित्य | कविता राजीव डोगरा ’विमल’15 Feb 2022 (अंक: 199, द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)
मुस्कुराहट की वजह बनो
क्यों दर्द की वजह बनते हो?
मोहब्बत की वजह बनो
क्यों नफ़रत की वजह बनते हो?
जीने की वजह बनो
क्यों मृत्यु की वजह बनते हो?
निभाने की वजह बनो
क्यों बिखरने की वजह बनते हो?
हँसने की वजह बनो
क्यों रुलाने की वजह बनते हो?
दोस्ती की वजह बनो
क्यों दुश्मनी की वजह बनते हो?
सम्मान की वजह बनो
क्यों अपमान की वजह बनते हो?
आशा की वजह बनो
क्यों निराशा की वजह बनते हो?
जिताने की वजह बनो
क्यों हराने की वजह बनते हो?
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
कविता
- अंतिम राह
- अकेलापन
- अघोरी हूँ
- अट्टहास
- अतिरिक्त
- अथाह अनुभूति
- अनदेखे अनसुने
- अनुभूति
- अभी
- अमूक कविता
- अलख निरंजन
- अस्तित्व
- अक़्सर
- आंतरिक गुनाहगार
- आंतरिक दर्द
- आक्रोश
- आग़ाज़
- आजीवन
- आदत है अब
- आधुनिक मुखौटा
- आनंदमयी
- आम सी लड़की
- आसार
- आज़माइश
- आज़माइश-2
- इंसाफ़
- ईश्वर की आवाज़
- उड़ने दो
- उड़ान
- एक दिन
- एक नई दीपावली
- एक पत्र ईश्वर के नाम
- एहसास
- काल
- काश (राजीव डोगरा ’विमल’)
- किसी ओर से
- कुछ इस तरह
- कुछ तो हो
- कुछ भी नहीं
- कृष्ण अर्जुन
- कृष्ण पथ
- कोई पता नहीं
- कोई फ़र्क़ नहीं
- कौन सा वक़्त
- क्या कहूँ
- क्या?
- क्षितिज
- ख़्वाहिश
- खोज
- गुनाह
- गुनाह मोहब्बत का
- चलो केशव
- चहुँ ओर
- जागो
- जान लिया
- जाने क्यों (राजीव डोगरा ’विमल’)
- जीना सीखो
- जीवंत जीवन
- जीवंत पंथ
- जीवन-मृत्यु
- झूठी यारी
- तलब
- तुम मुझ में
- तुम में हम
- तुमने कोशिश की
- तुम्हारे साथ
- तेरा सानिध्य
- तेरी तलाश में
- दर्द की सज़ा
- दस्तूर
- दिल की गहराई
- दिव्य दृष्टि
- दीप
- दृढ़ता की दौड़
- दोस्ती का रंग
- दौर
- नई मोहब्बत
- नए साल
- नया वर्ष
- नया साल
- नादान जीवन
- नापाक दर्द
- नासूर
- पथिक
- परवाह छोड़ दो
- पहले
- पिंजरे में बंद मानव
- पीड़ा
- प्रलय
- प्रेम
- फिर से
- बचपन की कहानी
- बताओ ज़रा
- बदलता हुआ वक़्त
- बदलते इंसान
- बदलते जज़्बात
- बदलते रंग
- बदलाव
- बदलाव
- बदलियां गल्लां
- बाक़ी है
- बेचारा आवारा
- भीतर
- भेड़िये
- मत वहन करो
- मतलबी
- महाकाल
- महाकाल आदेश
- माँ का आँचल
- माँ काली
- मुश्किल
- मृत्यु
- मृत्यु का अघोष
- मृत्यु का अट्टहास
- मेरा ज़माना
- मेरे प्रभु
- मेरे महाकाल
- मेरे शहर में
- मैं कहाँ?
- मैं शनि हूँ
- मैं समय हूँ
- याद रखना
- यादों के संग
- रंग राहु
- रहने दो
- रहने दो –01
- राम
- लौट आना
- वजह
- वजह
- वजूद
- वहम
- वो लड़की हूँ
- व्यक्तित्व का डर
- वक़्त का पहिया
- वक़्त कहाँ
- शेष है
- श्री सिद्धिविनायक स्तुति
- सँभाल लेना
- संस्कार
- सदाशिव
- सन्नाटा
- समय
- सम्मान
- सामंजस्य
- सामना
- सिलसिला
- स्मृति
- स्वतंत्रता
- स्वयं
- हर बार
- हिमाचल गान
- हे! ईश्वर
- हे! वाग्वादिनी माँ
- ख़ुदा करे
- ख़ुदग़र्ज़ी
- ख़्वाहिश
- ज़िंदादिल इंसान
- फ़र्क़
नज़्म
बाल साहित्य कविता
सामाजिक आलेख
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं