बच्चों के संग बादल
बाल साहित्य | किशोर साहित्य कविता विवेक कुमार ‘विवेक’1 Sep 2024 (अंक: 260, प्रथम, 2024 में प्रकाशित)
रिमझिम रिमझिम आया बादल
पानी भी संग लाया बादल
धान बिठाने में लगा है ज़ोर
क्योंकि पानी का लगा है शोर
बच्चों में हरियाली आई
सुंदर संग सहेली लाई
बच्चों ने है मनोरंजन मनाया
बादल ने हैं उन्हें नहलाया
ठिठुर-ठिठुर कर काँपने लगे
कान पड़कर भागने लगे
सहेलियों के संग आने लगे
पके आम फिर खाने लगे
लड़ झगड़ रहे हैं बग़ीचे में
फिर घर को वापस आने लगे
क्योंकि बादल धीरे-धीरे जाने लगे।
और वे खिलखिलाने लगे॥
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सतीश कुमार पाल 2024/09/03 02:53 PM
अति उत्तम बेहद शानदार