भूख
काव्य साहित्य | कविता डॉ. दयाराम15 Mar 2023 (अंक: 225, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
भूख
उपजाती है
बेबसी, लाचारी
आत्महत्या और
संवेदना का ह्रास
रिश्तों की हत्या
संबंधों का पतन
एक-दूसरे का गला घोंटना
हिस्सा मारना
या
जालसाज़ी कर
अपना चूल्हा जलाना
अंगारोें में उष्मा भरना
एक हाथ में डण्डा
एक हाथ में झण्डा
किसी को तमाचा चस्पा करना
किसी पर कीचड़ उछालना
किसी पर अंगुली उठाना
भूख ही सिखलाती है
काश! भूख न होती
कितना कुछ नहीं होता
इस संसार में।
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