इंसानियत
कथा साहित्य | लघुकथा डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी20 Feb 2019
शाम के धुँधलके में भी दूर पड़े अख़बार में रखे रोटी के टुकड़े को उस भूखे लड़के ने देख लिया, वो दौड़ कर गया और अख़बार को उठा लिया।
"ये मुझे दे...," उसमें से वो रोटी निकालने लगा ही था कि एक सूटधारी आदमी ने उसे डाँटते हुए अख़बार छीन लिया।
वो आदमी उस पर छपा समाचार पढ़ने लगा, "हाल ही में चंद्रमा पर सबसे पहले पहुँचने वाला पन्ना जिस पर नील आर्मस्ट्रांग के हस्ताक्षर भी हैं, डेढ़ लाख डालर में नीलाम हुआ। इस पन्ने पर लिखा है- "एक शख़्स का छोटा सा कदम, इंसानियत के लिए एक बड़ी छलाँग।"
''बहुत बढ़िया, ये हुई न बात!" कहता हुआ वो आदमी बड़े-बड़े कदम भरता हुआ आगे बढ़ गया, लेकिन रोटी का टुकड़ा अख़बार में से नीचे गिर गया था, जिसे कुत्ता उठा कर ले गया।
उस भूखे लड़के ने पहले कुत्ते के मुँह में रोटी और फिर आसमान से झाँकते चंद्रमा के छोटे से टुकड़े की तरफ़ देखा, उसे चंद्रमा ऐसा लगा जैसे वो उस अमावस्या का इंतज़ार कर रहा है जब धरती के सूखे पड़े दीपकों को भी रोशन होने का मौका मिलेगा।
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