इतिहास और लोकतंत्र!
काव्य साहित्य | कविता सनी गंगवार 'गुरु'15 Jul 2023 (अंक: 233, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
डरते हैं वो इतिहास से
उन तारीख़ों से
जिसमें छिपी है उनकी
मक्कारी
माफ़ी दर्शाती है उनकी
कायरता
अँग्रेज़ों की चाटुकारिता
दर्शाता है उनका
देशद्रोहीपन
इतिहास को पलटने में लगे हैं
ताकि कोई पढ़ न ले उनकी
नीचता
लोकतंत्र का गला घोंटने में लगे हैं
ताकि पूछ न ले कोई
सवाल
दूसरी तरफ़ बैठे लोगों को डरा रहे हैं
ताकि कोई कर न सके विरोध
उनके बेतुके नियमों का
कितना नीचे गिर गए हैं ये
कोई देख ने ले
इसलिए करते है ढोंग
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