जवानी
बाल साहित्य | किशोर साहित्य कविता विवेक कुमार तिवारी15 Feb 2025 (अंक: 271, द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)
जीवन में है अगर सफलता पानी।
तो सही समय होती है जवानी॥
होता है तब सब आसान,
पूरे कर सकते सब अरमान।
किया जवानी का सदुपयोग तो,
आजीवन मिलता है सम्मान॥
चाहते लिखना सफलता की कहानी।
सही समय है फिर ये जवानी॥
अभी जो तूने की मनमानी,
बड़ों की भी बात न मानी।
जीवन भर पछताओगे तुम,
होगी ना तेरी सफल कहानी॥
कुछ करने की जीवन में, है तुमने जो ठानी।
उसका तो सही समय, होती है ये जवानी॥
जवानी की जिसने बर्बाद,
झेलता सदैव परेशानी है।
पाता है सम्मान जगत में वह,
जवानी की क़ीमत जिसने पहचानी है॥
सफलता की ख़ातिर जिसने झोंकी है जवानी।
कोई रोक न पाएगा, ख़ुशहाल है उसकी ज़िदगानी॥
जीवन का सदा सदुपयोग करो,
अभी से भविष्य का जोग करो।
जीवन में ना कभी पछताओगे,
सर्वत्र सफलता ही पाओगे॥
देश की ख़ातिर अगर, अपनी है जान लगानी,
उसका भी सही समय, यही तो होती है जवानी॥
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
आओ, पर्यावरण बचाएँ
किशोर साहित्य कविता | डॉ. रामवृक्ष सिंहसूरज ने जब आँख दिखाई। लगी झुलसने धरती माई॥…
आज के हम बच्चे
किशोर साहित्य कविता | प्रतीक्षा नारायण बडिगेरहम नन्हे-मुन्हे तारे, आओ टिमटिमाएँ सारे।…
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
किशोर साहित्य कविता
कविता
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं