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श्रेष्ठ होली

 

रंग, अबीर और ख़ुशियों का त्योहार, 
श्रेष्ठ खेलें होली सपरिवार। 
 
पिचकारी भरकर आए रंग लाल, 
जागृति संग होली खेले श्रेष्ठ कमाल। 
सबके संग मिल-मिलाकर सुर-ताल, 
गाते जोगीरा बजाकर ढोल-झाल॥
 
अपने मन का मैल मिटाके, 
होली में सब बैर भुलाके। 
विविध पकवानों को खिलाके, 
अबीर-गुलाल और रंग लगाके॥
 
गुझिया, मालपुआ और खीर बनाकर, 
रंग-गुलाल से थाल सजाकर। 
पुष्प-पल्लव का घोल बनाकर, 
सजीव वसंत के रंग लगाकर॥
 
सब रंगों से भरकर पिचकारी, 
होली खेले श्रेष्ठ, जैसे हो अवधबिहारी। 
रंगों से जागृति यह त्योहार, 
श्रेष्ठ खेले होली सपरिवार॥
 
अपने रूठे परिजनों का करके मनुहार,
श्रेष्ठ खेले होली सपरिवार। 

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