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कमला घटऔरा - 1

1.
वक्त की गर्द
भले ढके स्मृतियाँ
रहें दूब-सी।
2.
अमिट यादें
उर सिन्धु में रहें
टापू -सी बसीं।
3.
मन पखेरू
बैठा पंखों पे हमें
घुमाये विश्व।
4.
मन भीतर
है विषम संसार
उलझे जीव।
5.
प्रेम उपजे
सृष्टि सुहानी लगे
दो दिल मिले।

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