मेरे लिए कठिन होता है
काव्य साहित्य | कविता गौरव कुमार महतो1 Apr 2021 (अंक: 178, प्रथम, 2021 में प्रकाशित)
मेरे लिये कठिन होता है
अपनी इच्छाओं को मारना
अपनी जीवित इच्छाओं को मृत्यु शैया पर लिटाकर
उसे दो गज की ज़मीन में गारना।
मेरे लिये कठिन होता है
दूसरो के हाँ में हाँ मिलना
अपनी जली हुई इच्छाओ की अस्थियों को
उफनती गंगा में बहाना।
मेरे लिये कठिन होता है
जानकर भी यह अन्याय है
फिर भी उसे सह जाना
अपनी ज़ुबान होने के बावजूद भी
गूँगेपन के साथ अपना परिचय करवाना।
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