प्रेमचंद आज के परिप्रेक्ष्य में
काव्य साहित्य | कविता चंचला प्रियदर्शिनी15 Nov 2020 (अंक: 169, द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)
मानसरोवर की धरती पर
गोदान को गबन किया
नमक के दरोगा ने।
बड़े घर की बेटी चली
कफ़न ओढ़े, सेवासदन को
जो थी, आत्माराम की रंगभूमि।
दो बैलों की कथा को
पंच परमेश्वर ने ऐसे सुलझाया –
गुल्ली डंडा के खेल में
जो जीते, वो हैं –
शतरंज के खिलाड़ी।
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