सीमा रंगा ‘इन्द्रा’ – दोहे – 001
काव्य साहित्य | दोहे सीमा रंगा ‘इन्द्रा’15 Aug 2024 (अंक: 259, द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)
काज धर्म के कीजिए, मिले तुम्हें पहचान।
आए हो तो जगत में, बनो नेक इंसान।
इक दिन जाना छोड़ के, काहे का अभिमान।
प्यार बाँटते तुम चलो, मिल जाए सम्मान॥
सेवा करने से मिले, जग में तुमको मान
अपना सबको मानिए, ख़ास बने पहचान॥
दुनिया में मिलती नहीं, सबको जी पहचान।
जमकर मेहनत कीजिए, करें सभी गुणगान॥
महकाए संसार को, ऐसा हो किरदार
सब में भरता जोश जो, शख़्स वही दमदार॥
दुख की गठरी को लिए, सुख को करता दूर
प्यार प्रेम को जानिए, सुख मिलता भरपूर॥
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