तेरे चित्र में
अनूदित साहित्य | अनूदित कविता हेमंत गोविंद जोगलेकर1 Dec 2022 (अंक: 218, प्रथम, 2022 में प्रकाशित)
मराठी कविता: तुझ्या चित्रातला
मूल कवि: हेमंत गोविंद जोगलेकर
अनुवाद: हेमंत गोविंद जोगलेकर
तेरे चित्र में
घना नीला रंग
मैं देखता हूँ उसे चलते चलते
अंकित करता हुआ ज़मीं पर
मेरे पदचिन्ह नपी तुली दूरी पर
मेरे थैले में घिसे पिटे रंग
और दूर तक सँभाल कर रखी हुई मेरी रेखाएँ
मैं कैसे आ सकता हूँ तेरे चित्र में?
तेरा तो असीम आकाश
और तेरे
बिल्कुल ख़ुद के हाथ।
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