यह काग़ज़
अनूदित साहित्य | अनूदित कविता हेमंत गोविंद जोगलेकर1 Dec 2022 (अंक: 218, प्रथम, 2022 में प्रकाशित)
मराठी कविता: हा कागद
मूल कवि: हेमंत गोविंद जोगलेकर
अनुवाद: हेमंत गोविंद जोगलेकर
ये काग़ज़ नहीं, पंछी है आकाश में उड़ान भरते हुए
ये आकाश नहीं, टहनी है फूलों की पंक्तियों से लदी हुई
ये फूल नहीं, चाँदनियाँ हैं पल्लू पर जड़ी हुईं
ये पल्लू नहीं, तुम ही हो मेरे हाथ आयी हुई
ये तुम नहीं कविता है, पल्लू भर हाथ में छोड़ हवा हुई
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