अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा यात्रा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

सुरेन्द्रनाथ तिवारी

जन्म : 30 अगस्त, 1952 ई. को चिकनौटा, छपरा बाहस, पूर्वी चंपारन, बिहार (भारत) में हुआ
शिक्षा : भागलपुर (बिहार) विश्वविद्यालय से बी.ई. सिविल इंजीनियरिंग में उत्तीर्ण की। अमेरीका में आने के पश्चात ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी से एम.ई. इंजनीयरिंग मैंनेजमेंट तथा एम.बी.ए. की भी डिग्री प्राप्त की।
सम्प्रति : भारत में सेना के पूर्व कमीशंड अफ़सर, सुरेन्द्रनाथ तिवारी गत 20 वर्ष से अधिक काल से यू.एस.ए. में हैं। ओहायो तथा न्यू जर्सी विश्वविद्यालयों में इंजनीयरिंग मैंनेजमेंट का अध्यापन के साथ साथ ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी को सिविल इंजीनियरिंग विभाग की सलाहकार समिति के भी सदस्य रहे। संप्रति अमेरिका की ऊर्जा (बिजली, तेल) संबंधित परियोजनाओं के प्रबंधन से संबंधित।
रचना कर्म : काव्य रचना की मूल प्रेरणा भारत से, भारत के गाँवों से, यहाँ के लोकजीवन से गहन प्रेम। महात्मा गाँधी और रामधारी सिंह दिनकर के आदर्शों से प्रभावित। भ्रष्टाचार, अन्याय और जातीय-धार्मिक सांप्रदायकिता का घोर विरोध, और एक अत्यंत भावुक, संवेदनशील प्रेमिक हृदय के धनी।
संस्था संबंध : अंतराष्ट्रीय हिन्दी समिति के भूतपूर्व अध्यक्ष, हिन्दी के माध्यम से भारतीय संस्कृति को विदेशों में अक्षुण्ण रखने की दिशा में कार्यरत्त हैं। विदेशों में रहने वाले भारतीयों की ताज़ा पीढ़ी में भारतीय संस्कृति, भाषा, सभ्यता की महत्ता का प्रचार -प्रसार कर रहे हैं।
 

लेखक की कृतियाँ

स्मृति लेख

कविता

कहानी

ललित निबन्ध

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं