जन्म : 30 अगस्त, 1952 ई. को चिकनौटा, छपरा बाहस, पूर्वी चंपारन, बिहार (भारत) में हुआ
शिक्षा : भागलपुर (बिहार) विश्वविद्यालय से बी.ई. सिविल इंजीनियरिंग में उत्तीर्ण की। अमेरीका में आने के पश्चात ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी से एम.ई. इंजनीयरिंग मैंनेजमेंट तथा एम.बी.ए. की भी डिग्री प्राप्त की।
सम्प्रति : भारत में सेना के पूर्व कमीशंड अफ़सर, सुरेन्द्रनाथ तिवारी गत 20 वर्ष से अधिक काल से यू.एस.ए. में हैं। ओहायो तथा न्यू जर्सी विश्वविद्यालयों में इंजनीयरिंग मैंनेजमेंट का अध्यापन के साथ साथ ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी को सिविल इंजीनियरिंग विभाग की सलाहकार समिति के भी सदस्य रहे। संप्रति अमेरिका की ऊर्जा (बिजली, तेल) संबंधित परियोजनाओं के प्रबंधन से संबंधित।
रचना कर्म : काव्य रचना की मूल प्रेरणा भारत से, भारत के गाँवों से, यहाँ के लोकजीवन से गहन प्रेम। महात्मा गाँधी और रामधारी सिंह दिनकर के आदर्शों से प्रभावित। भ्रष्टाचार, अन्याय और जातीय-धार्मिक सांप्रदायकिता का घोर विरोध, और एक अत्यंत भावुक, संवेदनशील प्रेमिक हृदय के धनी।
संस्था संबंध : अंतराष्ट्रीय हिन्दी समिति के भूतपूर्व अध्यक्ष, हिन्दी के माध्यम से भारतीय संस्कृति को विदेशों में अक्षुण्ण रखने की दिशा में कार्यरत्त हैं। विदेशों में रहने वाले भारतीयों की ताज़ा पीढ़ी में भारतीय संस्कृति, भाषा, सभ्यता की महत्ता का प्रचार -प्रसार कर रहे हैं।
लेखक की कृतियाँ
स्मृति लेख
कविता
- अमीरों के कपड़े
- आओ, लौट चलें अब घर को
- आज जब गूँगा हृदय है, मैं सुरों को साध कर भी क्या करूँगा?
- आज फिर ढलने लगी है शाम, प्रिय देखो ज़रा
- इस पाप-पुण्य के मंथन में
- एक गीत लिखने का मन है
- एक मीठे गीत-सी तुम
- कुछ तो गाओ
- गीत क्या मैं गा सकूँगा
- गीत ढूँढें उस अधर को...
- गीत तो हमने लिखे हैं हाशिये पर ज़िन्दगी के
- गीत मैं गढ़ता रहा हूँ
- चलो, चलें अब शाम हो गई
- वह कविता है
- स्मृतियों के वातायन से
- स्वागत है नई सदी का
कहानी
ललित निबन्ध
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं