कैनवास (दीप्ति शर्मा)
काव्य साहित्य | कविता दीप्ति शर्मा6 Sep 2014
दीवार पर टँगे
कैनवास के रंगों को
धूल की परतें
हल्का कर देती हैं
पर जिंदगी के कैनवास
पर चढ़े रंग
अनुभव की परतों से
दिन प्रति दिन
गहरे होते जाते हैं।
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