अकेला
काव्य साहित्य | कविता जतिन जोशी1 Apr 2023 (अंक: 226, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
गाँव में एक बच्चे का जन्म हुआ है आज . . .
अकेला ही आया है, साथ में कोई है नहीं उसके, शायद . . .
हाँ लेकिन आँखों में आँसू हैं उसके,
किसी से बिछड़ कर आया है शायद . . .
घर वाले ख़ुशी से झूम रहे हैं . . .
बहुत समय से वो लोग अकेले थे शायद . . .
वहाँ से थोड़ी ही दूर, मौत हुई है किसी की
अकेला ही जा रहा है, साथ में कोई है नहीं उसके, शायद . . .
चेहरे पर एक मुस्कान सी है उसके . . .
किसी बिछड़े हुए से मिलने जा रहा है शायद . . .
घर वालों का रो रोकर बुरा हाल है . . .
अब वो हमेशा के लिए अकेले हो गए हैं शायद . . .
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