बाज़ार में भीड़ बहुत है
काव्य साहित्य | कविता जतिन जोशी1 Apr 2023 (अंक: 226, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
आज बाज़ार में भीड़ बहुत है,
कोई आने वाला है शायद . . .
दुकानों के शटर आज बंद पड़े हैं
दूध की गाड़ी दूर खड़ी है कहीं
लोग किसी की बातें कर रहे हैं
कोई आने वाला है शायद . . . . . .
आज घर पर अख़बार नहीं आया
बाज़ार में क्या चल रहा है, नहीं पता
गाड़ियों के पहिए आज थमे हुए हैं
कोई आने वाला है शायद . . . . . .
पूरी रात इसी सोच में निकल गयी
सुबह ख़बर मिली, मौत हुई है किसी की
कोई बहुत बड़ा आदमी था वो
फिर मैं समझ गया . . .
कल बाज़ार में भीड़ बहुत थी
मगर कोई आने वाला नहीं था
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