बहुत होता सरल अपनी अना से दूर हो जाना
शायरी | ग़ज़ल अश्विनी कुमार त्रिपाठी15 Sep 2023 (अंक: 237, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
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बहुत होता सरल अपनी अना से दूर हो जाना
अगर आता हमें रसखान मीराँ सूर हो जाना
विफलताओं ने तोड़े हैं सदा ही दंभ के पर्वत
सफलताओं ने सिखलाया हमें मग़रूर हो जाना
पसीने पर तुम्हारे जिसने अपना खूँ बहाया है
भुला देगा उसे इक दिन तेरा मशहूर हो जाना
हँसी देखी लबों की पर कभी ना देख पाए वो
मेरे दिल पर बने इक ज़ख्म का नासूर हो जाना
मुहब्बत में कभी ना हाथ अपना आज़माएँ वे
जिन्हें बर्दाश्त ना होगा बिखरकर चूर हो जाना
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