कहानियाँ सुनाती दादाजी की चौपाल
समीक्षा | पुस्तक समीक्षा ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश'15 Dec 2019 (अंक: 146, द्वितीय, 2019 में प्रकाशित)
पुस्तक: दादाजी की चौपाल (कहानी संग्रह)
रचनाकार: ललित शौर्य
संस्करण: 2019
मूल्य: 160 रुपए
प्रकाशक: उत्कर्ष प्रकाशन,
142, शाक्यपुरी, कंकरखेड़ा मेरठ (उप्र)
मोबाइल नंबर 7351467702
समीक्षक-ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' 9424079675
कहानियाँ सभी को अच्छी लगती है। दादी सुनाती है तो ओर भी लुभाती हैं। बोर हुईं तो बच्चों को सुलाती हैं। मगर, कहानियाँ भाती और लुभाती सभी को हैं। कारण, इन में सरलता, रोचकता और सरसता कूट-कूट कर भरी होती है।
'दादाजी की चौपाल'- ऐसी ही कहानियों का अनमोल ख़ज़ाना है। इस पुस्तक में 19 कहानियाँ संगृहीत हैं। जिस के कहानीकार ललित शौर्य स्वयं एक रोचक, प्रेरक और बालसुलभ जिज्ञासाओं से परिपूर्ण व्यक्तित्व के स्वामी हैं। पेशे से इंजिनीयर कहानीकार की इन प्रवृतियों को इन कहानियों में महसूस किया जा सकता है।
संग्रह की पहली आमुख कहानी -'दादाजी की चौपाल' सीधी, सरल और सहज भाषा में लिखी गई कहानी है। यह कहानी दादाजी के माध्यम से सरस, सरल और प्रभावोत्पादक रूप से उनकी उपयोगिता सिद्ध करती है। यह कहानी बच्चों को एक महत्वपूर्ण संदेश भी देती है।
'हनी बी की होशियारी'- कहानी बच्चों में होशियारी को प्रतिपादित करने में सफल रही है। वही 'मौहल्ले की बैशाखी'- बच्चों को अपनी प्रकृति के अनुसार अमूल्य निधि को सहेजने की सीख देती है।
'मैं भी फौजी बनूँगा', ' हैप्पी मदर्स डे', 'सकारात्मक सोच का जादू', 'किट्टू कबूतर की होशियारी', 'साधु महाराज की सीख', 'सफलता के सूत्र' और 'दादाजी की सीख' कहानियाँ अपने शीर्षक को सार्थक करते हुए बच्चों को बहुत कुछ सीख देती हैं। ये कहानियाँ बच्चों में किसी न किसी उद्देश्य की पूर्ति करते हुए भाव, भाषा, शैली और कथ्य की दृष्टि से बेहतरीन बन पड़ी हैं।
वहीं 'जंगल पार्टी', 'कन्नू और कक्कू', ‘पृथ्वी के रक्षक', ’अप्रैल फूल डे पर सबक', 'प्रियांशी को बुखार', ‘फास्टफूड का कीड़ा’, 'धरती रही पुकार' आदि कहानियाँ बच्चों को कार्यकुशलता से कार्य करने, व्यवहार में कुशलता लाने के साथ-साथ कई उद्देश्यों की पूर्ति करते हुए बच्चों को अच्छा संदेश देती हैं।
कुल मिलाकर सभी कहानियाँ बच्चों के भाव और उन की अपेक्षाओं के अनुरूप बेहतरीन व सारगर्भित हैं। प्रगतिशील शैली में लिखी गई कहानियाँ उपयोगिता, रोचकता, सरलता, सहजता व नवीनता समेटे हुए हैं।
आकर्षक साज-सज्जा व त्रुटिहीन मुद्रण ने पुस्तक की उपादेयता में वृद्धि की है। सुंदर व आकर्षक रेखाचित्रों के साथ सुंदर छपाई, सफ़ेद काग़ज़ व आकर्षक मुखपृष्ठ के साथ बच्चों के लिए बहुत सुंदर कृति प्रकाशित की गई है। आधुनिक रूप से अँग्रेज़ी मिश्रित हिंदी में लिखित कहानियाँ आजकल के बच्चों के भाषानुकूल कथ्य को प्रस्तुत करती हैं।
58 पृष्ठों की संपूर्ण रंगीन पृष्ठों की पुस्तक का मूल्य ₹160 रचनाओं और पुस्तक की गुणवत्ता के हिसाब से वाजिब है। इस पुस्तक को अपने बच्चों के स्वस्थ मनोरंजन, बेहतर भावी नागरिक गुणों के विकास, आनंद और पाठ्यगतिविधि की वृद्धि के लिए बच्चों को ख़रीद कर देना चाहिए। इस पुस्तक को बच्चे अवश्य पसंद करेंगे ।
ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' ,
पोस्ट ऑफिस के पास, रतनगढ़
ज़िला -नीमच (मध्यप्रदेश)
पिनकोड- 458226
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