कुछ नहीं करती . . .
कथा साहित्य | लघुकथा मीरा ठाकुर1 Oct 2023 (अंक: 238, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
होटल में चेक इन करते ही डेस्क पर खड़े व्यक्ति ने कहा, “गुड इवनिंग सर। हमारे होटल का शुक्रवार को एक साल पूर्ण हो जाएगा और इस उपलक्ष्य में हमने एक कार्यक्रम रखा है। जीतने वाले जोड़े को मॉरीशस का रिटर्न टिकट दिया जाएगा। बस, आपको करना यह होगा कि एक छोटे से वीडियो में अपनी जीवन साथी अर्थात् अपनी पत्नी के बारे में बताना होगा। सबसे अच्छे बने वीडियो वाले जोड़े को पुरस्कृत किया जाएगा।"
"अच्छा," कहकर मि. शशांक अपने रूम की ओर चल पड़े।
शाम को हॉल की बड़ी सी टीवी पर आए हुए सभी वीडियो को बारी–बारी चलाया गया। एक वीडियो में एक महाशय कह रहे थे कि मेरी पत्नी कुछ नहीं करती। उसे दिन भर आराम ही आराम रहता है अर्थात् वो कुछ नहीं करती।
लगभग सभी वीडियो इसी तरह के थे। सबसे अंत में एक वीडियो दिखाया गया और देखते ही स्त्री समाज ख़ुश हो गया। उसमें एक पति कह रहे थे कि मेरी पत्नी बहुत ही व्यस्त रहती है। पूरे घर की ज़िम्मेदारी इन पर ही रहती है। वह सुबह से रात तक चकरी की तरह घूमती रहती है; तभी मैं और मेरा पूरा परिवार आराम और आनंद से अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। हमें घर वापस आने की उत्सुकता बनी रहती है। वह हमारे घर की प्रबंधक है। वह हमारे घर की निर्णायक है, वह हमारे घर की संचालक है। अब आगे क्या कहूँ वह हमारी सब कुछ है। वह सब कुछ करती है। हम उसके बिना नहीं रह सकते। किसी भी काम का उसके सहयोग के बिना नहीं कर सकते।
कहना न होगा कि किस वीडियो को पुरस्कार मिला।
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